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Aditya L1 Launch: सूर्य नहीं है आग का गोला, जानें सच

Aditya L1 Launch: आज इसरो ने देश का पहला सूर्य मिशन Aditya L1 Launch किया। Aditya L1 Launch सूर्य की किरणों का अध्ययन करेगा। मिशन चंद्रयान 3 की अपार सफलता के बाद देश को Aditya L1 Launch से काफी उम्मीदें हैं। लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिनके मन में कई सवाल तूफ़ान मचाए हैं कि आखिर Aditya L1 सूर्य के ताप को कैसे सहन करेगा। क्योंकि सूर्य तो आग का गोला है। जो भी सूर्य के निकट जायेगा वह जलकर राख हो जाएगा, सूर्य का ताप जब हम पृथ्वी पर इतनी दूर से नहीं सह पाते तो Aditya L1 सूर्य के ताप को छू पायेगा या जैसे-जैसे सूर्य के नजदीक जाएगा। जलकर स्वाहा हो जाएगा और इसरो का Aditya L1 Launch फेल होगा। 

तो आइये जानते हैं क्या सूर्य है आग का गोला –

सूर्य का ताप अधिक है इसका अनुमान हम इस बात से लगा सकते हैं कि पृथ्वी पर आने वाली सूर्य की किरणों को सहन करना एक आसान नहीं है। कई बार सूर्य का ताप इतना अधिक हो जाता है कि धरती पर लगे प्लास्टिक के बोर्ड या ट्रैफिक लाइट उससे पिघल जाती हैं। लेकिन जो लोग सूर्य को आग का गोला समझते हैं उनको यह स्पष्ट होना चाहिए कि सूर्य का ताप अधिक है। लेकिन वह आग नहीं है। सूर्य माचिस या आग की तरह जलता नहीं है। क्योंकि जिस आग को हम धरती पर अपनी आँखों से महसूस करते हैं वह एक रासायनिक प्रक्रिया द्वारा प्रकट होती है। लेकिन सूर्य जो प्राकृतिक रूप से गर्म है। 

सूर्य का ताप अधिक है और सूर्य का ताप क्यों अधिक है। इसका एकमात्र कारण न्यूक्लियर फ्यूजन है। सूर्य में जो प्रक्रिया होती है वह बेहद तीव्रता के साथ होती है। सूर्य 1 सेकण्ड में 70 करोड़ टन हइड्रोजन को 69.5 करोड़ टन हीलियम में परिवर्तित कर देता है। इस प्रक्रिया के दौरान सूर्य से गामा किरणें निकलती हैं। यही गामा किरणें प्रकाश में परवर्तित होती हैं और हम उनको महसूस करते हैं। सूर्य की यह जो भी प्रक्रिया होती है उसमें ऑक्सीजन की कोई भूमिका नहीं है। हालाकि यह प्रक्रिया उच्च ताप और दाब के कारण होती है। 

तो सूर्य आगा का गोला है यह मत गलत है। हाँ सूर्य का तापमान बेहद अधिक होता है जिसे कोई भी समान्यतः सहन नहीं कर सकता। कैल्विन पैमाने पर सूर्य के केंद्र का तापमान लगभग 15.6 करोड़ डिग्री सेल्सियस होता है।