Bimaru States in RBI Report: यह राज्य हैं बीमारू राज्य, क्यों है इनका कांग्रेस से कनेक्शन
<p>Bimaru States in RBI Report: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के मध्य आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई जारी है। कांग्रेस एमपी में सत्ता में आने के लिए जनता को तरह-तरह के वादों से लुभाने की कवायद में जुटी हुई है। तो बीजेपी मोदी की कुशल नीति के बलबूते सत्ता […]</p>

Bimaru States in RBI Report: यह राज्य हैं बीमारू राज्य, क्यों है इनका कांग्रेस से कनेक्शन
Bimaru States in RBI Report: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के मध्य आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई जारी है। कांग्रेस एमपी में सत्ता में आने के लिए जनता को तरह-तरह के वादों से लुभाने की कवायद में जुटी हुई है। तो बीजेपी मोदी की कुशल नीति के बलबूते सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस का नेतृत्व करप्ट है। कांग्रेस के आने से प्रदेश में करप्शन और कुरम में बढ़ोतरी होगी।
मोदी जी ने एमपी में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा- कांग्रेस की पहचान करप्शन,कुनीति और कुसाशन है। भाजपा को सत्ता में लाना आपकी जिम्मेदारी है यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो यह प्रदेश को पुनः बीमारू बना देगी। मोदी के बीमारू शब्द को लेकर अब सियासी गलियारों में हलचल मच गई है वही आज हम आपको बीमारू शब्द के राजनीतिक कनेक्शन के विषय में बताने जा रहे हैं।
जानें क्या है बीमारू राज्य का कनेक्शन:
बीमारू राज्य की कहानी 1980 के दशक की है। जब आशीष बोस ने उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को चार बड़े राज्यों बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के संदर्भ में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि इस राज्यों के आर्थिक विकास की दर बेहद मंद है। चारों राज्य काफी पिछड़ें हैं। आशीष बोस की रिपोर्ट में इन चारों राज्यों को बीमारू राज्य कहा गया। यह पहली बार था जब किसी राज्य को इस प्रकार की ओछी उपादि से नवाजा गया था।
आशीष बोस की रिपोर्ट का बीमारू राज्य शब्द सुर्खियां बटोरने लगा। विपक्ष लगातार इस शब्द का उपयोग सरकार की आलोचना के लिए करने लगा। विपक्ष का दावा था कि बीमारू होना स्थिर नहीं है प्रयास के साथ बीमारी का इलाज संभव है। समय बदल और इन राज्यों की दशा भी बदली। राजनीति के जानकारों का कहना है कि आज यह चारो राज्य विकास के साथ जुड़ गए हैं। यूपी और मध्यप्रदेश विकास के पथ पर तीव्रता से आगे बढ़ रहे हैं।
1980 के मुकाबले साल 2021-22 में यूपी की जीएसडीपी (GSDP) 12600 प्रतिशत बढ़ गई है। 1980 में राज्य की जीएसडीपी 15,554 करोड़ रुपये थी, जो कि यूपी सरकार की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में बढ़कर 19,74,532 करोड़ हो गई। 022-23 के लिए इसे अग्रिम अनुमान के तहत 21.91 लाख करोड़ रुपये पर आंका गया है।
वही अब बीजेपी का दावा है उनकी सरकार ने राज में राज्य विकास के पथ पर तीव्रता से आगे बढ़ा है। यदि पुनः राज्य में कांग्रेस का राज स्थापित हुआ तो समस्या हो जाएगी और कांग्रेस अपनी करप्शन की नीति से राज्य को बीमार बना देगी। पुनः लोग राज्य को बीमारू राज्य कहकर सम्बोधित करेंगे।