India Alliance Meet: विपक्ष एकता के बलबूते बीजेपी को सत्ता से धराशयी करने की रणनीति बना रहा है। बीजेपी बार-बार कहती आई है कि विपक्ष के पास सीएम नहीं है। लेकिन कल की बैठक में कुछ ऐसा हुआ जिससे विपक्ष की तरफ से सीएम का पहला नाम तो सामने आ गया लेकिन नीतीश कुमार की मेहनत पर पानी फिर गया। बिहार की सीएम नीतीश कुमार जिन्होंने इंडिया गठबंधन की नीव रखी। विपक्ष को एकजुट करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जो दल कांग्रेस के साथ खड़े होना नहीं चाहते थे उन्हें कांग्रेस से हाथ मिलाने को मजबूर किया और एक संदेश दिया की हम एकता के सूत्र में बंधे हैं और हम चुनाव एकजुटता के साथ लड़ेंगे। उनको पीएम पद की रेस से बाहर कर दिया गया और ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम पद के लिए उपर्युक्त बताया।
क्या था नीतीश का रिएक्शन:
नीतीश कुमार बिहार के सीएम हैं। I.N.D.I.A गठबंधन का सूत्रधार यदि उनको कहा जाए तो इसमें कोई गलत नहीं होगा। नीतीश ने बार-बार दावा किया कि उन्हें पद नहीं बीजेपी की हार चाहिए। बार पीएम नहीं बनना चाहते हैं वह चाहते हैं कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन हो। लेकिन नीतीश के समर्थकों ने कई बार दावा किया कि पीएम पद के लिए नीतीश कुमार से बेहतर विकल्प कोई अन्य नहीं हो सकता है। वही बीते दिन जब ममता बनर्जी ने पीएम पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लिया तो उनका समर्थन दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने भी किया। जिसके बाद कई नेताओं ने उनका समर्थन कर दिया। अब इस बात से नीतीश का रिएक्शन यही था कि वह समझ गए भले ही उन्होंने एकता के सूत्र में विपक्ष को पिरोहा हो लेकिन वह विपक्षी दलों के लिए पीएम पद के उपर्युक्त उम्मीदवार नहीं है। हालाकि नीतीश कुमार नेमल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर कोई विरोध नहीं जताया।
क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम पद के लिए उनके नाम के प्रस्ताव से स्वयं को त्वरित रूप से पीछे किया। उन्होंने धैर्य के साथ कहा- अभी हमारा फोकस सिर्फ चुनाव जीतने पर होना चाहिए। पीएम कौन होगा यह चुनाव में मिली जीत के बाद तय होगा पहले से इस विषय पर चर्चा का कोई आधार नहीं है। हालाकि ममता के बयाना के बाद यह साफ़ है कि नीतीश कुमार पीएम की रेस से अभी बाहर हैं। अगर उनको इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाया जाता है तो पीएम पद की रेस में उनका नाम सबसे आगे होगा। लेकिन जानकार यह भी कह रहे हैं कि एकता को मजबूत करने के लिए गठबंधन शायद नीतीश को संयोजक न बनाए। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जनवरी मध्य तक सीट बंटवारे के साथ अगले कुछ दिनों में संयोजक के नाम पर सहमति बन सकती है।
क्यों राहुल को किया पीएम की रेस से बाहर:
बीजेपी नेता अक्सर यह कटाक्ष करते दिखे की राहुल गांधी पीएम बनना चाहते हैं। लेकिन राहुल ने सदैव स्वयं को जनप्रतिनिधि के रूप में दिखाया। राहुल गांधी का कहना है वह जनता का हित चाहते हैं न की पीएम पद। वही मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आने से यह साफ़ हो गया है कि अब राहुल गांधी पीएम की रेस से बाहर हैं और खड़गे एक दलित नेता जो दक्षिण भारत से आते हैं। विपक्ष के सभी दल उनको पीएम के रूप में आसानी से स्वीकार लेंगे और राजनीति में निपुण मल्लिकार्जुन जनता के लिए बेहतर काम करने में कुशल हैं।