Nehru-Gandhi Family News: बीते दिनों जब राहुल गांधी बाबा केदारनाथ धाम दर्शन करने पहुंचे। तो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए। हर तरफ लोग उनकी सराहना करते दिखे तो बीजेपी के लोगों ने राहुल गांधी की आलोचना भी की। वही अब सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों में राहुल गांधी की अपने चचेरे भाई से हुआ मुलाक़ात चर्चा में है। लोगों का कहना है कि शायद कांग्रेस की सियासत में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। परिवार में वरुण गांधी की वापसी के संकेत हैं। उम्मीद यह भी जताई जा रही है जल्द ही वरुण गांधी घर वापसी कर सकते हैं।
कैसे हुई राहुल और वरुण की मुलाक़ात:
राहुल गांधी और वरुण गांधी की मुलाक़ात केदारनाथ में मंगलवार को हुई। राहुल बाबा केदारनाथ के दर्शन करके वापस आ रहे थे। वह अपने हैलीपैड की तरफ बढ़ रहे थे। कि अचानक उनकी नजर बीकेटीसी के वेटिंग रूप के बाहर खड़े वरुण गांधी पर पड़ी। राहुल रुके और तुरंत वरुण से मिलने गए। वरुण के साथ राहुल ने उनकी बेटी अनसुइया से भी मुलाक़ात की। उससे मिलकर वह बहुत प्रसन्न हुए। राहुल और वरुण वैसे तो आय दिन मिलते रहते हैं लेकिन केदारनाथ में उनकी मुलाक़ात बेहद महत्वपूर्ण इसलिए भी मानी जा रही है। क्योंकि राहुल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लगातार लोगों से मिल रहे हैं।
क्यों गांधी परिवार से अलग हुए वरुण:
मेनका गांधी और गांधी परिवार के मध्य विवाद तब शुरू हुआ। जब संजय गांधी की मौत हो गई और राजीव गांधी की राजनीति में एंट्री हुई। इंदिरा की राजनीति के वारिश संजय गांधी थे लेकिन संजय की मौत के बाद जब राजीव को उनका वारिश बनता मेनका ने देखा तो उनका मन टूटने लगा। क्योंकि जो हक उनका था वह राजीव को मिला। लेकिन विवाद की हद तब पार हुई जब इंदिरा गांधी लंदन गई थी और मेनका गांधी ने एक सभा में बेहतरीन भाषण दिया। इंदिरा मेनका को सभा में शामिल होने से मना करके गई थी। लेकिन मेनका ने अपने मन की सुनी और सभा का हिस्सा बनीं। जब इंदिरा को इसकी खबर मिली तो वह आग बबूला हो गई और उन्होंने मेनका को फटकार लगाई।
28 मार्च, 1982 की सुबह, इंदिरा और मेनका का आमना-सामना हुआ। दोनों में बातचीत हुई। इंदिरा ने कहा हम बाद में बात करेंगे। नौकर उनको कमरे में खाना दे गया। जब मेनका ने सवाल किया तो नौकर ने कहा इंदिरा नहीं चाहती आप खाने की टेबल पर आएं। मेनका का मन खिन्न हो गया। एक दिन वह अपने घर में अपने बच्चे के नाख़ून काट रही थीं। तभी उनको शोर सुनाई दिया। कुछ वक्त बाद इंदिरा प्रकट हुईं, वह गुस्से में और नंगे पैर चली आ रही थीं, उनके साथ गुरु धीरेंद्र ब्रह्मचारी और सचिव धवन थे। इंदिरा मेनका पर बरसी चिल्लाईं और उन्हें घर छोड़ने को कह गई। भले उन्होंने यह गुस्से में कहा- लेकिन मेनका के मन में यह बात घर कर गई और मेनका ने इंदिरा का घर छोड़ दिया।
क्या थे इंदिरा के शब्द :
मैंने तुमसे कहा था कि लखनऊ में न जाओ लेकिन तुमने वही किया जो तुम चाहती थीं और तुमने मेरी बात नहीं मानी! तुम्हारे हर एक शब्द में ज़हर था… क्या तुम्हें लगता है कि मैं यह नहीं देख सकता? बाहर निकलो यहां से! अभी यह घर छोड़ दो! अपनी माँ के घर वापस जाओ!’ इंदिरा न मेनका को घर से अपने कपड़ों के सिवा और कुछ भीं नहीं ले जाने देने की हिदायत दी।