Parliament Special Session 2023: महिला आरक्षण बिल सदन में पेश किया गया। मोदी सरकार ने इस बिल को नारी शक्ति वंदन बिल नाम दिया। बिल में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलने का प्रावधान है। महिला आरक्षण बिल महिला सशक्तीकरण के संदर्भ में मील का पत्थर साबित हो सकता है। केंद्र सरकार के नेतृत्व में पेश हुआ यह पहला बिल है जिसका सत्तापक्ष के अलावा विपक्ष ने भी खूब समर्थन किया। सोनिया गांधी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, यह बिल अपना है। तो अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव में महिलाओं के लिए हितकारी बताते हुए कहा,समाजवादी पार्टी ने महिला आरक्षण बिल का सदैव समर्थन किया है। हालाकि अब महिला आरक्षण बिल किसका है यह बताने में राजनेता लग गए हैं। यानी अब सियासी गलियारों में क्रेडिट लेने की होड़ देखने को मिल रही है।
जानें क्या है श्रेय की सियासत –
महिला आरक्षण बिल चर्चा का विषय आज है उसका कारण तो बीजेपी है। लेकिन महिला आरक्षण बिन पर आज ही चर्चा हुई यह कहना अनुचित होगा। आजादी के बाद से देश में महिलाओं के हक की बात हो रही है। यूपीए की सरकार में महिला आरक्षण बिल लाने की बात छिड़ी। कांग्रेस ने बिल का समर्थन भी किया। हालाकि सदन में बिल को विरोध झेलना पड़ा। वही अब कांग्रेस का दावा है कि जिस महिला आरक्षण बिल को लाने के लिए बीजेपी वाहवाही लूट रही है वह बिल तो सोनिया गांधी का विचार है। उनकी सोच से उपजा है उनके प्रयास का फल है। लेकिन बीजेपी किसी भी कीमत पर महिला आरक्षण बिल का क्रेडिट सोनिया या कांग्रेस के हिस्से नहीं जाने देना चाहती। बीजेपी नेताओं का कहना है यह मोदी का प्रयास है जो उन्होंने महिलाओं के हक की बात की। महिला आरक्षण बिल मोदी के कार्यकाल की बड़ी कामयाबी है।
जानकारों का कहना है महिला आरक्षण बिल सिर्फ हक़ की बात नहीं करता। यह सियासत से रंगा हुआ है। साल 2024 में लोकसभा चुनाव है बीजेपी महिला आरक्षण बिल को बड़ा मुद्दा बनाकर जनता के बीच अपनी पैख़ मजबूत करने की कवायद में जुटी है तो कांग्रेस महिला आरक्षण बिल को अपना विचार बताकर जनता के बीच अपनी सकारात्मक छवि स्थापित करना चाहती है। श्रेय की राजनीति का राज सिर्फ जनता के बीच अपनी उम्दा छवि विकसित कर अपने वोट बैंक को मजबूत करना है।
कब लागू होगा महिला आरक्षण बिल
महिला आरक्षण बिल त्वरित रूप से लागू होना संभव नहीं है। क्योंकि बिल जनगणना के बाद लागू होगा। जनगणना तब ही शुरू हो सकती है जब बिल पास होने के बाद कानून बन जाए। साल 2021 में जनगणना नहीं हुई अनुमान है साल 2026 में जनगणना करवाई जाएगी। जनगणना के बाद परिसीमन होगा और परिसीमन के बाद महिलाओं को आरक्षण प्राप्त होगा।