Parth Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में पार्टी पर अपना कब्जा दिखाने को लेकर विवाद जारी है। अजीत पवार शरद पवार की पार्टी छोड़कर शिंदे गुट से जा मिले हैं। अब अजीत ने पार्टी के नाम और निशान को लेकर दावा किया है जिसका लगातार शरद पवार विरोध कर रहे हैं। क्योंकि शरद का कहना है उन्होंने अपने संघर्ष के बलबूते पार्टी को खड़ा किया है।
चुनाव आयोग के सामने शरद पवार और अजीत पवार ने अपना पक्ष रखा है। अजीत पवार की तरफ से चुनाव आयोग के सामने एक नया चेहरा पंहुचा वह थे पार्थ पवार। अब सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि क्या ऱाजनीति में पार्थ पवार के नाम का नया चेहरा उदित होने वाला है और आखिर ये पार्थ पवार है कौन जिसपर अजीत पवार इतना विश्वास जता रहे हैं।
पार्थ पवार अजीत पवार के बेटे हैं। अजीत पार्थ पर विश्वास जता रहे हैं क्योंकि वह आगामी समय में उनको लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारना चाहते हैं। पार्थ की राजनीति में एंट्री साल 2019 में हुई लेकिन उस समय यह काफी कुछ हासिल नहीं कर पाए और ठन्डे बस्ते में चले गए।
लेकिन अब शरद पवार के विरोध में अजीत अपने बेटे को खड़ा करके उसकी राजनीति में सक्रिय एंट्री करवाना चाहते हैं। जानकारों का कहना है अजीत ने पार्थ को आगे करके बड़ा दांव खेला है। वह बीजेपी के साथ खड़े हैं और आगामी समय में अपने बेटे का उज्वल भविष्य स्थापित करने के लिए उसे बीजेपी पक्ष से मैदान में उतारना चाहती है।
पार्थ पवार सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने तत्कालीन महा विकास अघाड़ी सरकार के रुख के विपरीत, तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख को पत्र लिखकर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच का अनुरोध किया था। बता दें शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग से अजित पवार खेमे के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि इसने आयोग के समक्ष फर्जी हलफनामा दाखिल किया है।