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PM Ujjwala Yojana: महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। गैर सिलेंडर के दाम 1100 के पार चल रहे हैं। घरों में उज्जवला योजना का सिलेंडर तो आ गया लेकिन उसे भरवाना मुश्किल हो रहा है। वही अब इस बीच केंद्र की मोदी सरकार रक्षाबन्धन के मौके पर आम जनता को महंगाई से राहत देने वाली है। दावा किया जा रहा है घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 200 रूपये की कमी आ सकती है। 

जानें किसे मिलेगा लाभ –

सिलेंडर के महंगे दामों से हर कोई परेशान है। विपक्ष आय दिन महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरता है। विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार ने गरीबों के साथ मजाक किया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत उनके घरों में गैस सिलेंडर तो पहुंच गया। लेकिन आज महंगाई के मारे वह सिलेंडर भरवा नहीं पा रहे हैं। 

वही अब मोदी सरकार ने रक्षाबंधन के पर्व को ध्यान में रखते हुए सिलेंडर के दाम में 200 रूपये की कटौती का फैसला लिया है। यानी अगर आपके इलाके में आपको पहले सिलेंडर 1100 रूपये में मिल रहा था। तो अब वह आपको 900 रूपये में मिलेगा। हालाकि इस कटौती का लाभ प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों को ही मिलेगा। 

विपक्ष के दावे में कितना दम –

विपक्ष बार-बार दावा करता है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना विफल साबित हुई है। पीएम ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत लोगों के घरों में गैस सिलेंडर तो पहुंचा दिया। लेकिन महंगाई से उनकी अब इतनी हिम्मत नहीं है कि वह प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिले सिलेंडर में गैस भरवा सकें। विपक्ष जो दावे कर रहा है कहीं न कहीं उनमें दम भी है। क्योंकि जमीनी स्तर पर जनता को सिलेंडर के महंगें दामों ने खूब रुला रखा है। 

आम आदमी कहता है कि 1100 का सिलेंडर भरवाने से बेहतर है हम चूल्हा फूंक लें। जितनी हमारी आमदनी नहीं है महंगाई उससे कई गुना ज्यादा है। अगर 1100 सिलेंडर में फूंक दिए। तो पूरे महीने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे। कई घरों में तो सिलेंडर रसोई घर के बाहर कहीं समान रखने का साधन बन गए हैं। तो कई गैस पर खाना बनाने से हाथ जोड़ चुके हैं। 

क्या है प्रधानमंत्री उज्जवला योजना- 

केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की। योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करवाकर स्वच्छ इंधन प्रदान करना। केंद्र की इस योजना के लिए गरीब परिवार की 18 साल से अधिक उम्र की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं। योजना का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से हुआ। योजना के दूसरे चरण की शुरुआत 10 अगस्त 2021 में हुई थी।