Polygamy in India: असम के सीएम हिमंता बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की बात बार -बार उठा रहे हैं। राज्यपाल ने बहुविवाह समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पांच सदस्यों की एक कमिटी गठित की है। कमिटी को बहुविवाह प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए उचित कनून का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए असम सरकार ने काम शुरू कर दिया है। असम में यह प्रतिबंध किसी विशेष समुदाय के लोगों पर नहीं अपितु हर उस व्यक्ति पर लगेगा जो बहुविवाह करता है।
सूत्रों के मुताबिक़ यह कमिटी 45 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। समिति औपचारिक और अनौपचारिक दोनों रूप से बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में अपने सुझाव प्रस्तुत करेगी। असम के मुख्यमंत्री के दावों के मुताबिक़ होजई और जमुनामुख इलाकों में बहुविवाह अधिक प्रचलित है। सीएम ने साफ़ किया है कि इस्लाम में बहुविवाह का जिक्र नहीं है। असम में बहुविवाह कम हुआ है मुस्लिम लोग भी बहुविवाह का समर्थन नहीं करते हैं। हालाकि कई इलाकों में ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने बहुविवाह किया और उनका विवाह यंग महिला के साथ हुआ है।
बहुविवाह आकड़ों से समझें –
स्टडी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में आज भी बहुविवाह व्यापक रूप से प्रचलित है। कई इलाकों में एक पुरुष कई महिलाओं के साथ विवाह करता है। हिन्दू समेत अन्य कई धर्म हैं जो आज भी बहुविवाह का समर्थन करते हैं। पूर्वोत्तर भारत में आज भी सबसे अधिक बहुविवाह होते हैं। राजस्थान, हरियाणा में बहुत कम तो अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में बहुविवाह सबसे ज्यादा होते हैं।