Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। सत्ताधारी कांग्रेस बार-बार दावा कर रही है कि हमें जनसमर्थन प्राप्त है हम राजस्थान में सत्तावापसी कर रहे हैं। तो बीजेपी का दावा है कि गहलोत के गलत कामों का पर्दा फाश हो चुका है। कांग्रेस की नीयत जनता के सम्मुख उजागर है। जनता अब भूल से भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं करेगी। राजस्थान में बीजेपी की जीत का परचम लहराएगा।
हालांकि जीत किसकी होगी यह कह पाना संभव नहीं है क्योंकि पोल के नतीजे 50 – 50 फीसदी के आ रहे हैं। लेकिन इस बीच जो चर्चा का विषय बना हुआ है नेताओं और विधायकों के बयाना है। नेता जी चुनाव जीतने की अभिलाषा में भाषा की मर्यादा और अपनी सीमाएं दोनों लाँघ जाते हैं और चुनावी भाषण देते हुए कुछ ऐसा बोलते हैं कि वो बाद में उनके ही गले की फ़ांस हो जाता है।
वही आज हम जिस नेता के अतरंगे बयाना की बात करने जा रहे हैं वह हैं बीजेपी के प्रत्याशी बहादुर कोली। जिन्होंने भरतपुर में चुनाव प्रचार के कुछ ऐसा कह दिया कि उसे सुनकर आप चौंक जायेगे। असल में नेता जी जनसम्पर्क कर रहे थे। उनका काफिला खेर्रा गांव में था। उस समय वह जनता से बात करते समय भाषा की मर्यादा भूल गए। उन्होंने कहा मैंने एसपी, कलेक्टर, सीएम को पीटा। वह इतना कहकर शांत नहीं हुए उन्होंने जाटव समाज का भी अपमान किया। वही अब उनके बयाना की जमकर चर्चा हो रही है। विपक्ष के नेताओं का कहना है जो व्यक्ति समाज के बीच ऐसी भाषा का उपयोग कर सकता है वह जनता का हित क्या करेगा। हालांकि बहादुर कोली को उनके ऐसे बयाना की वजह से पिछली बार टिकट भी नहीं मिला था और अब उन्होंने पुनः वही गलती की है।
कई लोग अब यह इन्तजार भी कर रहे हैं कि चुनाव आयोग बीजेपी प्रत्याशी बहादुर कोली के खिलाफ क्या एक्शन लेता है। एक्शन लेता भी है या चुप्पी साध कर पूरे मामले को दबा देता है। बता दें वैर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के भजनलाल जाटव और भाजपा के बहादुर सिंह कोली के बीच सीधा मुकाबला है। बहादुर सिंह कोली दो बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। वहीँ भजनलाल जाटव यहां से एमएलए और मंत्री हैं।