Samudrayaan Matsya 6000 Mission: इसरो लगातार अपने मिशन से विज्ञान के रहस्य खोलने का प्रयास कर रहा है। बीते दिनों में चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग ने भारत का सीना चौंड़ा कर दिया। जो विश्व का कोई देश नहीं कर पाया वह भारत ने कर दिखाया। मिशन चंद्रयान के बाद सूर्य की किरण का अध्यन करने के लिए इसरो ने आदित्य एल 1 लॉन्च किया। लेकिन अब इसरो समुद्र के रहस्य का खुलासा करने की तैयारी कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक समुद्र की गहराइयों में छुपे खनिज की खोज के लिए जल्द ही इसरो समुद्रयान मिशन(samudrayaan mission) पानी में भेजने वाला है। इस मिशन के लिए इसरो की तरफ से समुद्र में मत्स्य 6000 पनडुब्बी को उतारा जाएगा। यह मत्स्य 6000 पनडुब्बी बंगाल की खड़ी में उतरेंगी। सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि इन पनडुब्बियों के साथ तीन लोग समुद्र में 6 हजार मीटर की गहराई तक जाएंगे।
अभी खबर है कि समुद्र मिशन की शुरुआत 500 मीटर की गहराई के साथ होगी। लेकिन 2026 तक मत्स्य 6000 पनडुब्बी को इसे 6 हजार मीटर की गहराई तक ले जाया जाएगा। मिशन समुद्र को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसन टेक्नॉलजी ने तैयार किया है। इसके लिए उन्होंने दो वर्ष की मेहनत की है वह लगातार इसकी बारीकियों की जाँच कर रहे हैं।
मत्स्य 6000 को 2.1 मीटर व्यास के साथ डिजाइन किया गया है। इसका वजन 25 टन, लम्बाई 9 मीटर, चौड़ाई 4 मीटर है। मत्स्य 6000 को बनाने में 80 मिमी वाले टाइटेनिम का उपयोग हुआ है। यह समुद्र भीतर 600 गुना दाब झेल सकती है। बता दें अमेरिका, जापान, फ्रांस, रूस इंसानों को समंदर में इतनी गहराई तक ले जाने में सक्षम हुए हैं।