बेरोजगारी देश की बड़ी समस्या है। युवा कलम की जगह भगवा झंडे से खेल रहा है। विपक्ष बार -बार दावा कर रहा है कि देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ गई है लेकिन केंद्र सरकार विपक्ष के दावों पर ध्यान ही नहीं दे रही और दे भी क्यों ? क्योंकि युवा तो हिंदुत्व के नारे से ही संतुष्ट है। हालाकि देश के आगामी भविष्य के लिए बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बन गई है। 20 सितंबर को स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023 नाम की एक रिपोर्ट सामने आई। रिपोर्ट में दावा किया गया कि 25 वर्ष से कम उम्र में ग्रेजुएट हुए युवाओं में बेरोजगारी 42 फीसदी तक है।
बता दें रिपोर्ट अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की ओर से लेटेस्ट श्रम बल सर्वे (PLFS) 2021-22 के आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। जो युवा ग्रेजुएट हैं और नौकरी कर रहे हैं वह आपकी प्रकृति के मुताबिक़ नौकरी नहीं कर रहे हैं। आज इस विषय पर अध्ययन की आवश्यकता है कि कौशल और काबिलियत से अलग रोजगार मिलना कितना उचित है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2004 और 2017 के बीच, सालाना लगभग 3 मिलियन नियमित वेतन वाली नौकरियां पैदा हुईं। 2017 और 2019 के बीच, यह आंकड़ा बढ़कर 5 मिलियन प्रति वर्ष हो गया। हालांकि, 2019 के बाद से विकास में मंदी और महामारी की वजह से नियमित वेतन रोजगार सृजन की स्पीड कम हो गई है।