Mukhtar Ansari News: गैंगेस्टर मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है, इसके साथ ही मुख्तार अंसारी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वही सोनू यादव को इस मामले में 5 साल की सजा और 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। गाजीपुर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार दिया था।
मुख्तार अंसारी के मामले में अद्वितीय कारण
मुख्तार अंसारी को साल 2010 में करंडा थाने में दो मामलों में गैंग चार्ट बनाए जाने के बाद, गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार दिया गया, जबकि मूल मामले में मुख्तार अंसारी बरी हो चुके हैं। गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुख्तार अंसारी को गाजीपुर कोर्ट के द्वारा तीसरी सजा सुनाई जाएगी, जिसमें अधिकतम सजा 10 साल की हो सकती है।
गैंगस्टर एक्ट का प्राविधान
मुख्तार अंसारी का मामला गैंगस्टर एक्ट का मामला है। गैंगस्टर एक्ट उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात करता है जो अपराधी हैं और जो एक विशेष आपराधिक गैंग का संचालन करते हैं और उसके प्रभाव से समाज में दहशत फैलाते हैं। इस विधान में गवाहों के पक्षद्रोह के कारण अभियुक्तों को लाभ मिलता है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि गवाह किस कारण से पक्षद्रोही हुए हैं। अगर अभियोजन यह सिद्ध कर देता है कि अभियुक्त के डर के कारण गवाह पक्षद्रोही हो गए हैं, तो इसके कारण इन्हें सजा हो सकती है।
न्याय की ओर एक कदम
मुख्तार अंसारी के मामले में गेरिला कोर्ट के फैसले ने न्याय की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है। इससे सामाजिक सुरक्षा में सुधार हो सकता है और अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
समाज की दिशा में बदलाव
मुख्तार अंसारी के मामले में होने वाले फैसले समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव दर्ज कर सकते हैं। इससे दिखाई देता है कि कानून और न्याय के प्रति सरकार की सख्त स्थिति है और वह अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।