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Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: आध्यात्म जीवन को सकारात्मक दिशा दिखाता है। जीवन में आपको क्या प्राप्त होगा यह आपके कर्म निर्धारित करते हैं। कर्म आपके भाग्य को बनाते भी हैं और कर्म के आधार पर ही आपका भाग्य बिगड़ता है। आध्यात्म के मुताबिक यदि को व्यक्ति बेहतर कर्म करता है तो उसपर ईश्वर की कृपा बनी रहती है और व्यक्ति का भाग्य खुल जाता है।

व्यक्ति के कर्म की व्याख्या करते हुए गरुण पुराण में लिखा है कि आपको जो प्राप्त होगा वह सब आपके कर्मों का प्रतिफल होगा। स्वर्ग,नर्क,दीर्घायु, अकाल मृत्यु यह सब व्यक्ति के कर्म पर निर्भर करती है। वही आज हम आपको इस लेख में गरुण पुराण की कुछ ऐसी बातें जिनको यदि साथ लेकर आप जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो यह आपके भाग्य को बिगाड़ देंगी। 

लालच- 

गरुण पुराण के मुताबिक़ जो व्यक्ति लालच करता है। किसी अन्य के धन पर अपनी नजर गढता है और स्वयं में संतुष्ट रहना नहीं जानता है। उसे जीवनपर्यन्त दुख झेलना पड़ता है। ईश्वर कभी ऐसे लोगों को अपना आशीर्वाद नहीं देते हैं। ऐसे लोगों के घर से सुख – समृद्धि चली जाती है और यह दूसरो की चीजों का लालच करते हुए स्वयं के भाग्य को बिगाड़ लेते हैं। 

धन का घमंड-

गरुण पुराण के मुताबिक यदि आप जीवन में बहुत आगे बढ़ रहे हैं। आपके पास अपार धन है तो आपको अपने धन का घमंड नहीं करना चाहिए। न किसी अपने साथी को नीचा दिखाना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो ईश्वर आपका सब कुछ आपसे धीरे-धीरे छीन लेता है। वही मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को नर्क की मार झेलनी पड़ती है। 

ईर्ष्या –

गरुण पुराण के मुताबिक जो व्यक्ति स्वयं में संतुष्ट नहीं रहता है। दूसरों की सफलता से जलता है। संघर्ष करने से अधिक दूसरे को असफल बनाने की रणनीति बनाता रहता है। उसे जीवन में काफी कष्ट झेलना पड़ता है। ऐसे लोग अपने स्वाभाव से अपने भाग्य को खराब करते हैं और मृत्यु पश्चात नर्क में जाते हैं। 

गंदगी –

गरुण पुराण के मुताबिक भाग्य का संबंध साफ़-सफाई से है। जो व्यक्ति स्वयं की साफ़ सफाई रखता है। घर में सफाई रखता है। साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर नित्य पूजा अर्चना करता है उसका भाग्य चमकता रहता है। लेकिन जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उनका भाग्य बिगड़ जाता है और उनको जीवन के हर पड़ाव में दुःख झेलना पड़ता है।